भारतीय शिक्षा में बदलाव
ऑटोमेटेड टेस्ट जनरेशन का उद्देश्य, संस्थानों और विद्यार्थियों द्वारा उच्च गुणवत्ता युक्त वैयक्तिक टेस्ट के निर्माण को स्वचालित करना है ताकि, विद्यार्थियों के साथ होने वाले पक्षपात और शिक्षकों के कीमती समय की बर्बादी को रोका जा सके।
पैसों और जनसांख्यिकीय मजबुरियों के चलते अधिकांश विद्यार्थियों को सर्वोत्तम संसाधन नहीं मिल पाते हैं। साथ ही, शिक्षक का समय महत्वपूर्ण होता है। ऑटो टेस्ट जनरेशन की मदद से, हम शिक्षकों की मदद करना चाहते हैं ताकि, वे प्रश्न पत्र बनाने के बजाए विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए ज्याद समय निकाल सकें। मैन्युअल तौर पर उच्च-गुणवत्ता वाले टेस्ट पेपर बनाना एक चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है। साथ ही, प्रासंगिक नॉलेज ग्राफ में दिए गए कॉन्सेप्ट पर विद्यार्थियों के महारत का पता लगाने और उनके लर्निंग आउटकम को बेहतर बनाने की दिशा में उच्च गुणवत्ता वाले टेस्ट मददगार साबित होते हैं।
इस समस्या का समाधान करने के लिए, हमने एक इंटेलीजेंट सिस्टम विकसित किया है जो निम्नलिखित मापदंडों के आधार टेस्ट पेपर का निर्माण करती है:
- सिलेबस कवरेज,
- टॉपिक वेटेज,
- कठिनाई स्तर,
- पिछले वर्ष के रुझान,
- विभिन्न प्रकार के प्रश्न,
- यूजर का कॉन्सेप्ट में महारत (वैयक्तिकरण)
- यूजर का व्यवहार प्रोफ़ाइल (वैयक्तिकरण)
इस सुविधा की मदद से शिक्षक, बेहद कम समय में विद्यार्थियों के स्तर के मुताबिक टेस्ट पेपर तैयार कर सकते हैं। साथ ही, यह उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करता है क्योंकि, इसे Embibe द्वारा विकसित टेस्ट गुणवत्ता स्कोर एल्गोरिदम के द्वारा जांचा जाता है।
टेस्ट गुणवत्ता स्कोर और प्रश्न विविधता कारक
टेस्ट गुणवत्ता स्कोर का उपयोग यह जांचने के लिए किया जाता है कि टेस्ट, कठिनाई और अध्यायों की कवरेज के संदर्भ में शिक्षक/संस्थान द्वारा तय किए गए मानकों के अनुसार है या नहीं।
यूजर जिन प्रश्नों को हल करने का प्रयास करता है उन प्रश्नों की विविधता का आकलन करने के लिए, आइटम रिस्पांस थ्योरी का उपयोग किया जाता है। प्रश्न चयन के समय अत्यधिक विविधता वाले प्रश्नों को प्राथमिकता दी जाती है। इससे टेस्ट की समग्र गुणवत्ता बेहतर होती है।
अपना टेस्ट खुद बनाएं
हमने, ‘अपना टेस्ट खुद बनाएं’ फीचर विकसित किया है। इसकी मदद से विद्यार्थी किसी खास लक्ष्य या परीक्षा के मुताबिक, अपने पसंदीदा अध्यायों और कठिनाई स्तर का चयन कर अपना टेस्ट खुद बना सकते हैं। यह टेस्ट, विभिन्न अनुकूलन एल्गोरिदम का उपयोग करके तैयार किया जाता है। साथ ही, यह विद्यार्थी की खुद से चुनी गई अन्य शर्तों के मुताबिक होता है।
निदानात्मक टेस्ट
एक अच्छा निदानात्मक टेस्ट वह है जो (i) किसी दिए गए कौशल समूह के लिए विभिन्न क्षमताओं वाले विद्यार्थियों के बीच अंतर कर सके, (ii) आंकड़ों में निरंतरता रखे और वास्तविकता के अनुरूप हो (iii) कम से कम प्रश्नों के आधार पर मूल्यांकन कर सके। हम, पर्सनलाइज़्ड अचीवमेंट जर्नी के पूरक के तौर पर निदानात्मक टेस्ट का निर्माण करते हैं, ताकि विद्यार्थी के कॉन्सेप्ट पर महारत के स्तर का पता लगाने और लक्ष्य तक पहुंचने में उसकी मदद की जा सके। निम्नलिखित 2 टेस्ट की मदद से यह पता लगाया जाता है:
- पूर्वापेक्षा टेस्ट: विद्यार्थी द्वारा चयनित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक मूलभूत पूर्वापेक्षा कॉन्सेप्ट के अनुरूप प्रश्न देना।
- उपलब्धि टेस्ट: निर्दिष्ट परीक्षा और लक्ष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण कॉन्सेप्ट को कवर करने वाले प्रश्न देना।
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संदर्भ:
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- https://en.wikipedia.org/wiki/Wasserstein_metric