प्रकृति ने हम सबको बनाया है, लेकिन हम सबके व्यवहार, आदतें, क्रिया-कलाप आदि में कुछ न कुछ अंतर जरूर होता है इसी प्रकार प्रत्येक छात्र की भी अपनी अलग प्रवृत्ति होती है। छात्रों में सीखने की अपनी अलग-अलग क्षमता होने के कारण उनकी सीखने की क्षमता, कमजोरी और यहाँ तक कि प्रत्येक छात्र को कुछ नया सिखाने के लिए एक अलग स्तर या तकनीक की आवश्यकता होती है। छात्रों को प्रभावशाली सिखाने के लिए उनकी पर्सनलाइज्ड आवश्यकताओं जैसे छात्र का व्यक्तिगत विश्लेषण करके सिखाने को अधिक समय देना, सिखाने की अलग रणनीति आदि को पूरा करने की आवश्यकता होती है। संक्षेप में हम यह कह सकते हैं कि किसी भी छात्र की सीखने की प्रक्रिया शिक्षक-केंद्रित न होकर छात्र-केंद्रित होती है। किसी भी छात्र को किसी विशेष दृष्टिकोण अथवा रणनीति के आधार पर सिखाना अथवा सीखने में उसकी सहायता करना, अनुदेशात्मक सहयोग या अनुदेशात्मक स्कैफल्डिंग कहलाता है।
अनुदेशात्मक सहयोग या अनुदेशात्मक स्कैफल्डिंग एक ऐसी तकनीक है जिसके माध्यम से एक शिक्षक छात्रों को उनके सीखने में सुधार करने और विषयों में विशेषज्ञता हासिल करने में सहायता करता है। शिक्षक छात्रों में विषय ज्ञान और विशेषज्ञता को बढ़ाने में उनकी सहायता करता है, शिक्षक की सहायता से छात्रों में नए कौशल का निर्माण होता है। जब छात्र दिए गए टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन करने लगते हैं तो उनको दी जाने वाली शैक्षिक सहायता को धीरे-धीरे हटा दिया जाता है। यह अनुदेशात्मक स्कैफल्डिंग-शैली छात्रों को अधिक प्रभावशाली सीखने के लिए प्रोत्साहित करती है। सीखने की इस शैली में छात्र प्रश्न पूछने, अपनी प्रतिक्रिया देने और कुछ नया सीखने में अपने साथियों की सहायता करने के लिए स्वतंत्र होते हैं।अनुदेशात्मक स्कैफल्डिंग लर्निंग का मुख्य लाभ यह है कि इसका पूर्ण पालन करने के बाद छात्रों को सीखने के लिए किसी सहायक की आवश्यकता नहीं होती है। यह सहयोग प्रदान करने की आवश्यकता तब होगी जब शिक्षक यह पहचान लेगा कि छात्र किसी विशेष कॉन्सेप्ट को समझ नहीं पा रहा है।
कुछ छात्र ऐसे होते हैं जब उनको कुछ नया सिखाया जाए तो वे सक्रिय रूप से सीखने की कोशिश नहीं करते हैं, सक्रिय रुप से सीखने के बजाय वे टेस्ट के बारे में सोचते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कुछ छात्रों में सक्रिय रूप से सीखने की सीमाएँ होती हैं, आमतौर पर ऐसे छात्र कॉन्सेप्ट को समझते नहीं हैं जिसकी उनको टेस्ट या वास्तविक परीक्षा देते समय आवश्यकता होती है। ऐसी स्थितियों से उबरने के लिए शिक्षकों को चाहिए कि वे अपने ऐसे छात्रों पर कड़ी निगरानी रखें। छात्रों द्वारा उनके विशेष टेस्ट पर स्वतंत्र प्रदर्शन से सलाहकार को यह निर्धारित करने में मदद मिलेगी कि छात्र सीख रहे हैं या नहीं।
अनुदेशात्मक सहयोग या अनुदेशात्मक स्कैफल्डिंग की तीन आवश्यक विशेषताएँ होती हैं जो छात्र को प्रभावशाली सीखने की सुविधा देती हैं:
- छात्र और शिक्षक के बीच सहयोगात्मक मैत्रीपूर्ण व्यवहार होना चाहिए। छात्र और शिक्षक के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध से शिक्षक, छात्र के बारे में आसानी से समझ लेता है कि उसके ज्ञान और कौशल का स्तर क्या है और उसको कहाँ से सिखाना है।
- छात्र को जो भी सिखाया जाए वह उसके सामीप्य विकास क्षेत्र से संबंधित होना चाहिए। यह वह क्षेत्र होता है जहाँ छात्र के वर्तमान ज्ञान स्तर को गहनता से समझा जाता है जैसा कि पिछले बिंदु में कहा गया है, लर्निंग की विशेष तकनीक/प्रणाली, छात्र की वर्तमान भावनात्मक, संज्ञानात्मक, और स्वैच्छिक स्थिति पर आधारित हो, जो शिक्षक और छात्र दोनों को सफल बना सके।
- एक बार जब छात्र विशेषज्ञ तकनीक/प्रणाली के आधार पर सुझाए गए तरीकों के अनुसार कार्य करना शुरू कर देता है, उसमें सुधार और कुशलता आ जाती है तो सहयोग को धीरे-धीरे हटा दिया जाता है ताकि छात्र अपने दम पर प्रबंधन कर सके।
अनुदेशात्मक स्कैफल्डिंग विधि को सफल बनाने के लिए, शिक्षकों को निम्नलिखित तथ्यों के बारे में ज्ञात होना चाहिए:
- शिक्षण सामग्री का चयन: छात्रों के लिए शिक्षण सामग्री ऐसी होनी चाहिए जिसमें छात्र अपने विकासशील कौशल का उपयोग कर सकें। छात्रों को व्यस्त रखने के लिए शिक्षण सामग्री आकर्षक और रोमांचक होनी चाहिए। छात्र के लिए शिक्षण सामग्री कभी भी बहुत आसान या बहुत कठिन नहीं होना चाहिए।
- त्रुटियों का पूर्वानुमान: छात्रों को टेस्ट सौंपने के बाद शिक्षक को यह अनुमान होना चाहिए कि छात्र इस टेस्ट को करते समय कहाँ गलती कर सकते हैं। त्रुटियों के पूर्वानुमान से छात्र, शिक्षक की सहायता से सही दिशा में अपना कीमती समय लगाते हैं और उनका सही मार्गदर्शन होता है।
- सीखने के दौरान अनुदेशात्मक स्कैफल्डिंग अनुप्रयोग: अनुदेशात्मक स्कैफल्डिंग को दो अलग-अलग तरीकों से व्यवस्थित किया जा सकता है। यह “सामान्य कौशल अधिग्रहण” या “उत्पन्न और क्रियाशील” हो सकता है।
- भावनात्मक मुद्दों पर विचार: अनुदेशात्मक स्कैफल्डिंग विधि संज्ञानात्मक कौशल तक ही सीमित नहीं बल्कि इसमें भावनात्मक प्रतिक्रियाओं का भी समर्थन किया जाता है। उदाहरण के लिए, अनुदेशात्मक स्कैफल्डिंग में कुछ विशेष सीखने के दौरान छात्रों की निराशा और अरुचि के प्रबंधन एवं नियंत्रण करने की आवश्यकता हो सकती है। प्रोत्साहन भी एक महत्वपूर्ण अनुदेशात्मक स्कैफल्डिंग घटक है।
Embibe के प्रोडक्ट/फीचर: पर्सनलाइज्ड अचीवमेंट जर्नी, नेक्स्ट क्वेश्चन इंजन
Embibe के प्रोडक्ट ‘पर्सनलाइज्ड अचीवमेंट जर्नी’ के माध्यम से Embibe में, प्रत्येक छात्र को उसके लर्निंग की क्षमता के आधार पर पर्सनलाइज्ड शिक्षा प्रदान करता है। विभिन्न छात्रों को उनकी विशिष्ट लर्निंग क्षमता के आधार पर उपयुक्त कठिनाई स्तरों के विभिन्न प्रश्न दिए जाते हैं। छात्र किसी भी समय और किसी भी अध्याय पर आधारित अपना स्वयं का टेस्ट बना सकते हैं, जिससे वे अपनी गति से प्रत्येक अध्याय पर अपनी क्षमता का आकलन कर सकते हैं। हमारा प्रोडक्ट‘”हमारे साथ सॉल्व करें” छात्रों को प्रश्न हल करने में मदद करने के लिए प्रश्न स्तर पर हिंट देता है और स्टेप स्तर पर छोटा हिंट भी देता है। अगर छात्र फिर भी प्रश्न को हल नहीं कर पाया तो प्रत्येक प्रश्न के लिए विस्तृत हल प्रदान किए जाते हैं; Embibe का यह प्रोडक्ट कहीं भी और कभी भी एक निजी शिक्षक और सलाहकार की भूमिका अदा करता है।
Embibe की सक्रिय लाइव फैकल्टी 24/7 सपोर्ट छात्रों को अनुदेशात्मक सहयोग भी प्रदान करती है, जहाँ छात्र अपने अकादमिक प्रश्नों को पोस्ट कर सकते हैं, Embibe के विशेषज्ञ आमतौर पर चैट सपोर्ट के माध्यम से आपके डाउट को मिनटों में दूर कर देते हैं। Embibe में, हमारा लक्ष्य शिक्षा के माध्यम से दुनिया को बेहतर बनाना है और हमारी सहायता टीम छात्रों के सभी प्रश्नों को हल करने के लिए कड़ी मेहनत करती है और छात्रों की समस्या का समाधान करती है।