भारतीय शिक्षा में बदलाव
डाइबेन्जलऐसीटोन क्या है?
डाइबेन्जल ऐसीटोन को डाइबेन्जिलीडीन ऐसीटोन भी कहा जाता है। यह C, H और O से बना एक कार्बनिक यौगिक है। इसे संक्षिप्त रूप में अक्सर dba के रूप में भी लिखा जाता है। यह एक हल्का पीला ठोस है, जो जल में अविलेय होता है, लेकिन एथेनॉल में विलेय होता है। यह एक अध्रुवीय पदार्थ, एक सममित अणु है।

डाइबेन्जलऐसीटोन का विरचन
क्षारीय (NaOH) की उपस्थिति में बेन्जैल्डिहाइड के दो तुल्यांक, ऐसीटोन के एक तुल्यांक के साथ अभिक्रिया करके β-हाइड्रॉक्सी कीटोन देते हैं। आगे, β-हाइड्रॉक्सी कीटोन एक संघनन अभिक्रिया से गुजरता है, जिससे α,β-असंतृप्त कीटोन का निर्माण होता है। यह एक क्षार-उत्प्रेरित क्रॉस ऐल्डोल अभिक्रिया का एक उदाहरण है। इसे क्लेजन-श्मिट अभिक्रिया भी कहा जाता है।

डाइबेन्जलऐसीटोन के विरचन की क्रियाविधि
डाइबेन्जलऐसीटोन के विरचन की क्रियाविधि को मूल रूप से चार चरणों में दर्शाया जा सकता है। यह निम्नलिखित चरणों में पूरी होती है:
चरण 1: ऐसीटोन, आगे की अभिक्रिया करने हेतु ऋणात्मक आवेशित आयन प्राप्त करने के लिए क्षार () के साथ अभिक्रिया करता है। इसे कार्बऋणायन भी कहा जाता है और यह एक मध्यवर्ती के रूप में कार्य करता है।

चरण 2: कार्बऋणायन आगे बेन्जैल्डिहाइड के साथ अभिक्रिया करता है, इसके बाद जल-अपघटन द्वारा बीटा-हाइड्रॉक्सी कीटोन का निर्माण होता है।

चरण 3: तीसरे चरण में संघनन अभिक्रिया शामिल है, जिससे बेन्जलऐसीटोन प्राप्त होता है।

चरण 4: इसी प्रकार, बेन्जलऐसीटोन एक मध्यवर्ती के रूप में कार्बऋणायन उत्पन्न करने के लिए एक क्षार के साथ अभिक्रिया करता है। अंततः कार्बऋणायन, बेन्जैल्डिहाइड के एक अन्य तुल्यांक के साथ अभिक्रिया करता है, इसके बाद संघनन अभिक्रिया होती है, जिससे डाइबेन्जल ऐसीटोन प्राप्त होता है।


डाइबेन्जलऐसीटोन की संरचना
डाइबेन्जल ऐसीटोन का IUPAC नाम 1,5-डाइफेनिलपेंटा-1,4-डाइइन-3-ओन है।

डाइबेन्जलऐसीटोन के लिए सूत्र
डाइबेन्जल ऐसीटोन एक कार्बनिक यौगिक है, जिसका रासायनिक सूत्र होता है।
ऐरोमैटिक ऐल्डिहाइड क्या होते है?
वह ऐल्डिहाइड जिसमें ऐल्डिहाइड समूह (− CHO) एक ऐरोमैटिक संरचना या समूह से जुड़ा होता है, उसे ऐरोमैटिक ऐल्डिहाइड कहा जाता है।
सबसे सरल ऐरोमैटिक ऐल्डिहाइड, बेन्जैल्डिहाइड है, जिसका रासायनिक सूत्र है। बेन्जैल्डिहाइड का उपयोग बादाम निष्कर्ष में एक स्वाद कारक के रूप में तथा कुछ रंजक और प्लास्टिक उत्पादन में एक संघटक के रूप में किया जाता है।
ऐरोमैटिक ऐल्डिहाइड के उदाहरण:


क्लेजन-श्मिट अभिक्रिया क्या है?
क्लेजन-श्मिट अभिक्रिया की खोज 1881 में रेनर लुडविग क्लेजन और जे. जी. श्मिट द्वारा की गई थी। क्लेजन श्मिट संघनन कार्बन-कार्बन बंध-निर्माण अभिक्रियाओं के लिए सबसे व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली विधियों में से एक है, जिसके कारण जैविक और औषधीय रूप से सक्रिय यौगिकों का निर्माण होता हैं।
क्लेजन-श्मिट अभिक्रिया एक क्रॉस-ऐल्डोल संघनन है। इसमें α-हाइड्रोजन की कमी वाला ऐरोमैटिक ऐल्डिहाइड एक क्षार की उपस्थिति में α-हाइड्रोजन परमाणु वाले ऐल्डिहाइड या कीटोन के साथ संघनन अभिक्रिया से गुजरता है। इस अभिक्रिया को क्लेजन-श्मिट अभिक्रिया कहा जाता है।
उदाहरण के लिए, α-हाइड्रोजन की कमी वाला बेन्जैल्डिहाइड एक क्षार की उपस्थिति में ऐल्फा-हाइड्रॉक्सी कीटोन देने के लिए ऐसीटोन के साथ अभिक्रिया से गुजरता है। आगे, ऐल्फा-हाइड्रॉक्सी कीटोन एक संघनन अभिक्रिया से गुजरता है, जिससे α,β-असंतृप्त कीटोन का निर्माण होता है।

संघनन अभिक्रिया क्या है?
कार्बनिक रसायन में, संघनन अभिक्रिया एक रासायनिक अभिक्रिया है, जिसमें जल जैसे छोटे अणु का त्याग होता है, जब दो अणु एक एकल अणु बनाने के लिए संयोजित होते है।
उदाहरण: क्रॉस एल्डोल अभिक्रिया में, दो अणुओं का योग आमतौर पर अतिरिक्त उत्पाद, जैसे कि अल्फा-हाइड्रॉक्सी कीटोन के लिए चरणबद्ध रूप से आगे बढ़ता है। इसके अलावा, यह संघनन उत्पादों को निर्मित करने के लिए जल के अणुओं के त्याग से गुजरता है, जो आमतौर पर साम्यावस्था में होते हैं।

डाइबेन्जलऐसीटोन के अनुप्रयोग
- डाइबेन्जलऐसीटोन का उपयोग सनस्क्रीन के निर्माण में किया जाता है। इसका कारण यह है कि डाइबेन्जलऐसीटोन पराबैंगनी प्रकाश को अवशोषित करता है और सूर्य की हानिकारक किरणों से त्वचा की रक्षा करने में सहायता करता है।
- यह कार्बधात्विक संकुलों को निर्मित करने के लिए एक लिगेंड के रूप में कार्य करता है, और इन संकुलों का उपयोग युग्मन अभिक्रियाओं में उत्प्रेरक के रूप में किया जाता है।
- डाइबेन्जलऐसीटोन के कई महत्वपूर्ण व्युत्पन्न उनके प्रतिऑक्सीकारक गुणों के लिए यौगिक से निर्मित किए जाते हैं।
डाइबेन्जलऐसीटोन प्रयोग का विरचन
नीचे बेन्जैल्डिहाइड से डाइबेन्जलऐसीटोन के विरचन की व्याख्या की गई है।
प्रयोग का शीर्षक – बेन्जैल्डिहाइड से डाइबेन्जलऐसीटोन का विरचन
प्रयोग का विवरण – बेन्जैल्डिहाइड, डाइबेन्जलऐसीटोन देने के लिए जलीय सोडियम हाइड्रॉक्साइड () की उपस्थिति में ऐसीटोन के साथ संघनन से गुजरता है। आइए हम एक वर्चुअल लैब में डाइबेन्जलऐसीटोन के विरचन पर एक नजर डालते हैं।
प्रयोग का उद्देश्य – डाइबेन्जलऐसीटोन (डाइबेन्जिलिडीनऐसीटोन) का विरचन
आवश्यक उपकरण और सामग्री –
उपकरण
कोनिकल फ्लास्क
बीकर
बुकनर कीप
बर्फ ऊष्मक
रसायन
ऐसीटोन: 2.3 mL
आसुत जल
एथेनॉल: 25 mL
NaOH : 3.15 g
बेन्जैल्डिहाइड: 3.2 mL
प्रक्रिया-
- सबसे पहले, एक बीकर में 25 ml एथेनॉल और 30 ml आसुत जल मिलाकर 3.15 g सोडियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन तैयार किया जाना चाहिए।
- लगभग 20 – 25 °C के ताप पर बनाए रखे गए बर्फ ऊष्मक में बीकर को ठंडा कीजिए।
- हम एक कोनिकल फ्लास्क में 3.2 ml बेन्जैल्डिहाइड और 2.3 ml ऐसीटोन का मिश्रण निर्मित करते है।
- हम धीरे-धीरे इस मिश्रण के आधे भाग को चरण (i) में निर्मित किए गए बर्फ से ठंडे विलयन में तेजी से हिलाने के साथ मिलाएंगे।
- कुछ मिनटों के भीतर एक परिफुल्लित अवक्षेप निर्मित होता है।
- मिश्रण को लगभग पंद्रह मिनट के लिए धीरे-धीरे हिलाइए। फिर, हम बेन्जैल्डिहाइड और ऐसीटोन के शेष मिश्रण को मिलाएंगे और 30 मिनट तक हिलाएंगे।
- प्राप्त हल्के पीले ठोस को निस्यंदित कीजिए और फिर इसे ठंडे जल से धोइए।
- इसे शुष्क कीजिए और एथेनॉल की थोड़ी मात्रा से पुन: क्रिस्टलीकृत कीजिए।
सावधानियाँ-
(a) अभिक्रिया मिश्रण को हिलाते समय लगभग 20 °C पर तापमान बनाए रखें।
(b) हमेशा ताजा आसुत बेन्जैल्डिहाइड या ताजा खुली बोतल से नमूने का उपयोग करें।
डाइबेन्जलऐसीटोन के विरचन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
डाइबेन्जलऐसीटोन पीले रंग को क्यों प्रदर्शित करता है?
डाइबेन्जलऐसीटोन एक ऐरोमैटिक संयुग्मी कार्बोनिल पाई निकाय है, जो दृश्य क्षेत्र में प्रकाश को अवशोषित करता है। यह 380 nm तक की अधिकतम तरंगदैर्ध्य को अवशोषित करता है और इस प्रकार यह पीला रंग देता है। अतः यह पीला दिखाई देता है।
उस अभिक्रिया का नाम क्या है, जो डाइबेन्जलऐसीटोन के विरचन पर आधारित है?
यह क्लेजन-श्मिट अभिक्रिया पर आधारित है।
डाइबेन्जलऐसीटोन का IUPAC नाम क्या है?
डाइबेन्जलऐसीटोन का IUPAC नाम 1,5-डाइफेनिलपेंटा-1,4-डाइइन-3-ओन है।
डाइबेन्जलऐसीटोन का मोलर द्रव्यमान कितना है?
डाइबेन्जलऐसीटोन का रासायनिक सूत्र C17H14O है।
डाइबेन्जलऐसीटोन के मोलर द्रव्यमान की गणना निम्न प्रकार की जा सकती है:
= 17 x C + 14 x H + O
= 17 x 12 + 14 x 1 + 16
= 234 g/mol
डाइबेन्जलऐसीटोन के विरचन के लिए किस अभिकारक का उपयोग किया जाता है?
डाइबेन्जलऐसीटोन के विरचन में उपयोग किए जाने वाले अभिकारक बेन्जैल्डिहाइड और ऐसीटोन हैं।