
'तीन बेर खाती थी, वे तीन बेर खाती है।' में कौन-सा अलंकार है ?

Important Questions on अलंकार
निर्देश : निम्नांकित पंक्तियों के संबंध में प्रश्न संख्या एवं के अनुसार उत्तर दीजिए।
मेरा मन अनत कहां सुख पावै,
जैसे उड़ि जहाज को पंछी फिर जहाज पर आवै,
चिरजीवौ जोरी जुरै, क्यों न सनेह गंभीर। को घटि ये वृषभानुजा, वे हलधर के बीर।।

पूत सपूत तो क्यों धन संचय।।' में कौन-सा अलंकार है?

चारु चंद्र की चंचल किरणें
खेल रही है जल थल में
स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई है
अवनि और अम्बर तल में
इन पंक्तियों में अलंकार बताइये?




निर्देश : निम्नलिखित प्रश्नों में प्रयुक्त अलंकार भेद का चयन करें?
ध्वनि-मयी कर के गिरी कंदरा।
कलित-कानन केलि निकुंज को।

'पराधीन जो जन, नहीं स्वर्ग नरक ता हेतु।
पराधीन जो जन नहीं, स्वर्ग नरक ता हेतु।।' में कौन-सा अलंकार है?


जो तन की झाई परत, स्यामु हरित दुति होई।।
उपरोक्त पद में कौन-सा अलंकार है?






"रहिमन जो गति दीप की, कुल कपूत गति सोय ।
बारे उजियारे लगें, बढ़ै अंधेरो होय।।"
इस दोहे में कौन-सा अलंकार है?

करका मन का डारि दे, मन का मनका फेर।।' में कौन-सा अलंकार है?

अली कली ही सो बंध्यो, आगे कौन हवाल।।
में कौन-सा अलंकार है?


"राग है कि, रूप है कि
रस है कि जल है कि
तन है कि, मन है कि
प्राण है कि, प्यारी है।
उपर्युक्त पंक्तियों में रस है।

