
निम्नलिखित पद्यांशों में प्रयुक्त अलंकार के भेद का चयन दिए गए विकल्पों में से कीजिए;
काशी पुरी की कीरति महा,
जहाँ देह देइ, पुनि देह न पाइए।


Important Questions on अलंकार
निम्नलिखित पद्यांशों में प्रयुक्त अलंकार के भेद का चयन दिए गए विकल्पों में से कीजिए।
तू रूप है किरण में, सौंदर्य है सुमन में।
तू प्राण है पवन में, विस्तार है गगन में।।

निम्नलिखित पद्यांशों में प्रयुक्त अलंकार के भेद का चयन, दिए गए विकल्पों में से कीजिए-
ध्वनि-मयी करके गिरि-कंदरा। कलित-कानन केलि-निकुंज को।।

निम्नलिखित पद्यांश में प्रयुक्त अलंकार के भेद का चयन दिए गए विकल्पों में से कीजिए:
भर लाऊँ सीपी में सागर।
प्रिय! मेरी अब हार विजय क्या?

निम्नलिखित पद्यांशों में प्रयुक्त अलंकार के भेद का चयन दिए गए विकल्पों में से कीजिए।
बसै बुराई जासु तन, ताहि को सन्मान।
भलो भलो कही छोड़िए, खोटे ग्रह जप दान।।

निम्नलिखित पद्यांशों में प्रयुक्त अलंकार के भेद का चयन दिए गए विकल्पों में से कीजिए।
बहुरि विचार कीन्ह मन माहीं।
सीय वचन सम हितकर नाहीं।।

निम्नलिखित पद्यांशों में प्रयुक्त अलंकार के भेद का चयन दिए गए विकल्पों में से कीजिए।
हैं गरजते घन नहीं बजाते नगाड़े।
विधुल्लता चमकी न कृपाण जाल से।।

निम्नलिखित पद्यांशों में प्रयुक्त अलंकार के भेद का चयन दिए गए विकल्पों में से कीजिए।
जुग उरोज तेरे अली| नित-नित अधिक बढ़ायँ।
अब इन भुज लातिकान में, एरी ये न समायँ।

निम्नलिखित पद्यांशों में प्रयुक्त अलंकार के भेद का चयन दिए गए विकल्पों में से कीजिए।
अधरों पर अलि मँडराते, केशों पर मुग्ध पपीहा।
