भाषा
हिंदी Solutions from Chapter -1 - भाषा
विचारों के सम्प्रेषण के साथ पठन-पाठन, लेखन एवं वाचन की शुद्धता हेतु यह पाठ महत्वपूर्ण है। इसके अंतर्गत शिक्षार्थी भाषा, व्याकरण एवं भाषा शिक्षण, भाषा अधिगम एवं अर्जन, भाषा शिक्षण के सूत्र एवं भाषा शिक्षण में व्याकरण का अध्ययन करते हैं।
Practice Other Topics from भाषा
इस टॉपिक के अंतर्गत शिक्षार्थी सम्प्रेषण को अवरोध रहित बनाने के उद्देश्य से अवगत होते हैं। इसके अंतर्गत भाषा के विविध रूप, उसका वर्गीकरण, महत्व, नियम एवं इसे प्रभावित करने वाले कारकों के बारे में अध्ययन किया जाता है।

इस टॉपिक के अंतर्गत शिक्षार्थी भाषा को अधिगृहित एवं उसमें निरंतर विकास करने की विधियों से अवगत होते हैं। इस के पठन में अधिगम पर स्किनर, पियाजे, वाइगोत्सकी, पाणिनि, भृर्तहरि इत्यादि के सिद्धान्तों के साथ साथ भारतीय शिक्षा दर्शन का अध्ययन किया जाता है।

इस टॉपिक के अंतर्गत भाषा शिक्षण के सिद्धान्तों एवं सूत्रों का अध्ययन किया जाता है। शिक्षार्थी भाषा शिक्षण के ज्ञात से अज्ञात रूप, सरल से जटिल रूप, मूरत से अमूर्त रूप एवं शिक्षण के अनुबंधन, अनुकरण, बोलचाल, चयन इत्यादि सिद्धान्तों का अध्ययन करते हैं।

इस टॉपिक में शिक्षार्थी मातृभाषा के उद्देश्य एवं विधियों से अवगत होते हैं। इसके अंतर्गत मातृभाषा के ज्ञानात्मक, कौशलात्मक, सर्जनात्मक उद्देश्य, मातृभाषा एवं मात्रेत्तर भाषा में अंतर एवं शिक्षण की परम्परागत एवं नवीन विधियों का अध्ययन किया जाता है।

इस टॉपिक के अंतर्गत भाषा को अशुद्धि रहित एवं स्पष्ट बनाने के उद्देश्य का अध्ययन किया जाता है। इसमें भाषा शिक्षण में व्याकरण की भूमिका, सम्प्रेषण कौशल के विकास में व्याकरण की भूमिका एवं लेखन कौशल के विकास में व्याकरण के महत्व का अध्ययन किया जाता है।
